तोहमत, पीर, खार ही आखिर मिले निशानी में। तोहमत, पीर, खार ही आखिर मिले निशानी में।
दिल कहां है मेरा मैं ढूंढू हर जगह. दिल कहां है मेरा मैं ढूंढू हर जगह.
दुनिया जहां के शोर से भागकर स्वयं में सूकून की तलाश के लिए ठहराव जरुरी है ….. दुनिया जहां के शोर से भागकर स्वयं में सूकून की तलाश के लिए ठहराव जरुरी ह...
और अपनी बेशुमार चमक से समां को रौशन कर देता है। और अपनी बेशुमार चमक से समां को रौशन कर देता है।
बचपन में, पापा के कंधों पर मैं चढ़ी। मांँ की गोदी में खूब खेली। बचपन में, पापा के कंधों पर मैं चढ़ी। मांँ की गोदी में खूब खेली।
ये कल भी था आज भी है और कल भी रहेगा बनके नशा। ये कल भी था आज भी है और कल भी रहेगा बनके नशा।